कला शिक्षकों के लिए शुरू होगा स्पेशल इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स
कला शिक्षा में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी
स्कूलों का नया स्कूली पाठ्यक्रम आधुनिकता और भारतीय कला-संस्कृति का मिश्रण होगा, जहां बच्चों को कोडिंग व आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के साथ कला (आर्ट एजुकेशन) की भी शिक्षा दी जाएगी।
फिलहाल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी) ने सभी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक कला को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की सिफारिश की है।
इसके लिए सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से कला शिक्षक भी नियुक्त करने का सुझाव दिया है।
एनसीईआरटी के कला एवं सौंदर्यबोध विभाग ने यह सिफारिश ऐसे समय की है, जब नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
इस सिफारिश में न सिर्फ कला को एक विषय के रूप में सभी स्कूलों में पढ़ाने की सिफारिश की गई है, बल्कि इसके मूल्यांकन को जरूरी बताते हुए परीक्षा परिणाम में इनके अंकों को जोड़ने की पैरवी भी की है।
कला शिक्षा को लेकर अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर कोई गाइडलाइन नहीं थी इसके चलते कोई भी राज्य इसे लेकर गंभीर नहीं था।
कला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एनसीईआरटी कला शिक्षा में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी में जुटी है।
माना जा रहा है कि अगले साल से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सों के साथ इसे भी शुरू कर दिया जाएगा।
जिसमें 12वीं तक कला की पढ़ाई करने वाले छात्र सीधे दाखिला ले सकेंगे। वैसे तो अभी तक चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड के तहत बीए-बीएड, बीएससी- बीएड व बीकाम - बीएड जैसे कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव था।
अब बीए बीएड इन आर्ट एजुकेशन भी शुरू होगा। इसके साथ ही स्कूलों में कला की पढ़ाई के लिए नया पाठ्यक्रम भी तैयार होगा।
खबर साभार - दैनिक जागरण
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