Astaguru अस्टागुरु की हिस्टोरिक मास्टरपीस नीलामी में कई कलाकारों ने नए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। यह नीलामी जो 14-17 दिसंबर 2025 तक चली।
रवींद्रनाथ टैगोर की 1937 की मास्टरपीस, "फ्रॉम अक्रॉस द डार्क", ने अस्टागुरु की "हिस्टोरिक मास्टरपीस" नीलामी में कलाकार के लिए रिकॉर्ड 10.73 करोड़ रुपये की कमाई की है।
रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore's) की पेंटिंग "फ्रॉम अक्रॉस द डार्क", (From Across The Dark) जिसे उन्होंने 1937 में कसमंडा (मसूरी) (Kasmanda, Mussoriee) की राजकुमारी को गिफ्ट किया था, अस्टागुरु (Astaguru) द्वारा ऑर्गनाइज़ किए गए ऑनलाइन ऑक्शन में रिकॉर्ड 10.7 करोड़ रुपये में बिकी।
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| From Across The Dark |
कार्डबोर्ड पर इंक, पोस्टर कलर और क्रेयॉन का इस्तेमाल करके बनाई गई यह पेंटिंग 1937 में बनाई गई थी, जब कवि अप्रैल और जून के बीच सबसे लंबे समय के लिए अल्मोड़ा में रुके थे।
इस नीलामी में 100 परसेंट सेल-आउट रेट दर्ज किया गया, जिसमें सभी 87 लॉट बिक गए, जिससे 163.65 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बिक्री हुई। नीलामी में सबसे ज़्यादा लॉट तैयब मेहता की "अनटाइटल्ड (जेस्चर)" Untitled (Gesture) (Medium
Oil on canvas, Year:1977
Size:59 x 47 in) थी जो लगभग 53.54 करोड़ रुपये में बिकी।
रवींद्रनाथ टैगोर की "फ्रॉम अक्रॉस द डार्क" (1937) (From Across The Dark) जो अल्मोड़ा के आखिर की एक दुर्लभ कृति थी। इसके अलावा कृष्ण खन्ना की "द लास्ट सपर" (The Last Supper ) ने नतीजों को और मज़बूत किया, सदानंद बाकरे की "मोनालिसा" ऑक्शन का एक अहम पल बनकर उभरी, जिसने आर्टिस्ट के लिए एक नया बेंचमार्क बनाया।
नीलामी में गुरचरण सिंह की "इंट्रोस्पेक्टिव टाइम्स "(ट्रिप्टिक) Introspective Times (Triptych) और वाल्टर लैंगहैमर (Walter Langhammer's ) की "अनटाइटल्ड " में भी काफी दिलचस्पी देखी गई, जिससे पीढ़ियों से चली आ रही ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कृतियों में लगातार भरोसा दिखा।
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