ब्रेकिंग:कलाकार परमजीत सिंह को रूपंकर कला के लिए मिला राष्ट्रीय कालिदास सम्मान

चित्रकला के क्षेत्र में नई दिल्ली के श्री परमजीत सिंह को रूपंकर कलाएं के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान 2019 से संस्कृति मंत्री सुश्री Usha Thakur ने सम्मानित किया।


कला मंदिर भारत भवन स्थापना दिवस 40वीं वर्षगांठ: 
संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने भारत भवन की 40वीं वर्षगांठ पर विविध कला समारोह का शुभारंभ किया। 
इस मौके पर भारत भवन में रविवार, 13 फरवरी शाम साढ़े 6 बजे राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मान अलंकरण समारोह में साहित्यकार, कलाकार और रंगकर्मियों को सम्मानित किया गया। 
समारोह में राष्ट्रीय कालिदास और शिखर सम्मान के लिए चयनित विभूतियों को सम्मानित किया गया। 

"चित्रकला के क्षेत्र में नई दिल्ली के कलाकार श्री परमजीत सिंह को रूपंकर कलाएं के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान 2019 से संस्कृति मंत्री सुश्री Usha Thakur ने सम्मानित किया।"

अन्य पुरस्कार:

रूपंकर कलाएं के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान गुजरात के श्री ज्योति भट्ट को वर्ष 2017, नई दिल्ली की सुश्री इरा चौधरी को 2018, नई दिल्ली के श्री परमजीत सिंह को 2019 और बड़ौदा के श्री ध्रुव मिस्त्री को वर्ष 2020 के लिए दिया गया।
रूपंकर कलाओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान 2018 से नई दिल्ली की सुश्री इरा चौधरी को संस्कृति मंत्री सुश्री Usha Thakur ने सम्मानित किया। 



रंगकर्म के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान लखनऊ के डॉ. अनिल रस्तोगी को वर्ष 2019 और मुंबई के श्री वामन केंद्रे को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
रंगकर्म के क्षेत्र में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान लखनऊ के डॉ. अनिल रस्तोगी को वर्ष 2019 से सम्मानित किया गया। संस्कृति मंत्री सुश्री  Usha Thakur ने शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

रंगकर्म के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से मुंबई के श्री वामन केंद्रे को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया। संस्कृति मंत्री सुश्री  Usha Thakur  ने शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।



राज्य शिखर सम्मान हिंदी साहित्य के लिए ग्वालियर के श्री शैवाल सत्यार्थी को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री हरी जोशी को वर्ष 2020 के लिए दिया गया। इसी तरह उर्दू साहित्य के लिए भोपाल के श्री नईम कौसर को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री देवीशरण को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
राज्य शिखर सम्मान हिंदी साहित्य के लिए ग्वालियर के श्री शैवाल सत्यार्थी को वर्ष 2019 को संस्कृति मंत्री सुश्री Usha Thakur ने सम्मानित किया।



संस्कृत साहित्य के लिए दतिया के डॉ. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता को वर्ष 2019 और जबलपुर के प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया। 
शास्त्रीय संगीत के लिए ग्वालियर के पं. प्रभाकर लक्ष्मण गोहदकर को वर्ष 2019 और भोपाल के पं. सज्जनलाल ब्रह्माभट्ट को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया। 

रूपंकर कलाएँ के लिए भोपाल के श्री देवी लाल पाटीदार को वर्ष 2019 और नई दिल्ली के श्री मनीष पुष्कले को वर्ष 2020 के लिए दिया गया।

नाटक के लिए भोपाल की सुश्री वैशाली गुप्ता को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री के.जी. त्रिवेदी को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया जाएगा।

जनजातीय एवं लोक कलाएँ के लिए भोपाल की श्रीमती अग्नेश केरकट्टा को वर्ष 2019 और श्रीमती पूर्णिमा चतुर्वेदी को वर्ष 2020 के लिए दिया गया। 
इसी तरह दुर्लभ वाद्य वादन के लिए राज्य शिखर सम्मान सागर के श्री बाबूलाल भोला को वर्ष 2019 और उज्जैन की डॉ. वर्षा अग्रवाल को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
नोट-
संस्कृति विभाग के सहयोग से विभिन्न कला अनुशासनों पर आधारित यह पाँच दिवसीय समारोह 13 फरवरी से 17 फरवरी 2022 तक होगा। प्रतिष्ठित कलाकारों की कला प्रदर्शनियाँ 27 फरवरी 2022 तक दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक कला प्रेमियों और दर्शकों के लिए खुली रहेगी। समारोह के कार्यक्रमों में सभी का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

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