नर्मदा जयंती विशेष- 7 फरवरी
आईये जानें जबलपुर (मप्र) में स्थित कल्चुरी राजवंश की महान कलाकृतियों में से एक भव्य एवं ऐतिहासिक मक्रवाहिनी नर्मदा प्रतिमा के बारे में..
◆ माँ नर्मदा की यह प्रतिमा 10वीं सदी की नायाब कलाओं की अद्भुत मिसाल है। कहा जाता है कि माँ नर्मदा की मनमोहक मक्रवाहिनी प्रतिमा का निर्माण कल्चुरी काल के राजा कर्ण ने 10वीं सदी में करवाया था।
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●इसकी खासियत है की इसे जिस और से देखो ऐसा प्रतीत होता है कि वो हमें ही देख रही हो।
●इतिहासविदों के अनुसार सन 1860 के आस पास त्रिपुरी में चल रही खुदाई में यह मूर्ति मिली, जिसे जबलपुर के पानदरीबा क्षेत्र में मक्रवाहिनी मंदिर बनाकर स्थापित किया गया।
●10वीं सदी की प्राचीन मूर्ति त्रिपुरी में जमीन के नीचे कैसे पहुचीं यह आज भी रहस्य का विषय है।
नर्मदा जयंती (7 फ़रवरी )
नर्मदा जयंती माँ नर्मदा के जन्मदिवस यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनायी जाती है। नर्मदा जयंती मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदा नदी के तट पर मनायी जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को शास्त्रों में 'नर्मदा जयंती' कहा गया है। नर्मदा अमरकंटक से प्रवाहित होकर रत्नासागर में समाहित हुई है और अनेक जीवों का उद्धार भी किया है।
Courtesy- madhy pradesh Govt.
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