कलाकार जॉन ग्रीस की कला:घनवाद के प्रमुख कलाकारों में सबके अधिक घनवादी कलाकार माना गया


आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं स्पेन के कलाकार जॉन ग्रीस (juan Gris) की। 

जॉन ग्रीस घनवाद का एक प्रमुख और सबसे अधिक घनवादी कलाकार था। 

घनवाद के बारें में: संक्षेप में

1907 में घनवाद का उदय हुआ। 20वीं सदी के यूरोपीय कला में आधारभूत परिवर्तन लाने में घनवाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 

महान कलाकार पिकासो और ब्रॉक घनवाद के प्रवर्तक थे।

पाब्लो पिकासो ने 1907 में अपना सुप्रसिद्ध चित्र " आविन्यो की स्त्रियां" (Les Demoiselles d' Avignon) पूर्ण किया, जो घनवाद का सर्वप्रथम चित्र माना जाता हैं।

घनवादी कलाकारों में पिकासो, जार्ज ब्रॉक, लेजे, और ग्रीस ने घनवाद के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 

आज हम जार्ज ग्रीस के कला के बारे में चर्चा करेंगे। 

जॉन ग्रीस की कला:

घनवाद का प्रमुख स्पेनिश कलाकर जॉन ग्रीस ( Juan Gris) का जन्म 23 मार्च 1887 को स्पेन के मैड्रिड नगर में हुआ था। 

जॉन ग्रीस ने घनवाद के सिद्धांतों का सबसे अधिक कट्टरता से पालन किया , इसलिए ग्रीस को " घनवादियों में सबसे अधिक घनवादी" माना गया।

ग्रीस ने 1911 से घनवादी चित्रण शुरू किया और 1913 तक घनवादी अंकनपद्वति पर पूर्ण प्रभुत्व प्राप्त किया।

ब्रॉक व पिकासो के घनवाद से ग्रीस का घनवाद वास्तुकला के स्थापन सौंदर्य के अधिक निकट हैं और अधिक ज्यामितिय हैं।

पिकासो की घनवादी कलाकृतियां चमत्कृति हैं, ब्रॉक की काव्य तो ग्रीस की बौद्धिकता लिये हुए हैं।

अत्यंत तर्कनिष्ठ होने के कारण ग्रीस को कभी " बौद्धिक सिद्धान्तों के व्यापारी" तो कभी "गणितीय कलाकार" कहकर संबोधित किया गया।

पोट्रेट ऑफ पिकासो 1912 oil color

जॉन ग्रीस का प्रसिद्ध चित्र "पोट्रेट ऑफ पिकासो" हैं। जो इसने 1912 में तैल माध्यम में बनाया था। वर्तमान में यह चित्र Art Institute Of Chicago में सुरक्षित हैं।

संश्लेषणात्मक घनवाद को विकास की चरम सीमा तक पहुचाने का कार्य करके ग्रीस ने कला के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।

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