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शारदा चरण उकील एक बंगाली अभिनेता और कलाकार थे इनका जन्म (14 नवम्बर 1888-21 जुलाई1940) ढाका( बांग्लादेश) में हुआ था।
इन्होंने अपनी कला शिक्षा गवर्मेंट स्कूल ऑफ आर्ट्स कोलकाता में अवनींद्र नाथ टैगोर से ग्रहण की।
1927 में इन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस में "उकील कला विद्यालय" की स्थापना अपने दो भाइयों की सहायता से की।
इन्होंने दिल्ली में "रूपलेखा" नामक कला पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ किया था।
1925 में इन्होंने फ्रेंज आस्टन कृत " द लाइट ऑफ एशिया"(प्रेम सन्यास) नामक चलचित्र में शुद्धोधन नामक राजा के पात्र का भी अभिनय किया था। इस फ़िल्म में गौतम बुद्ध के जीवन को दिखाया गया है।
उनके अंतिम कलाचित्र , श्री कृष्ण के कथानकों पर आधारित 31 पेंटिंग्स की एक श्रृंखला के रूप में श्री गोपाल जी मन्दिर ,बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश के लिए बनाए गए थे।
इनके प्रमुख चित्र-
अर्जुन का युद्ध से विमुख होना
ईद का चांद
जटायु की मृत्यु
राधा कृष्ण
कुंती और कर्ण
सीता का अग्नि प्रवेश
शिव और नंदी प्रमुख हैं...।
महत्वपूर्ण प्रश्न जो पूछे जा सकते हैं।
1- शारदा चरण उकील का जन्म कहाँ हुआ था?
-बांग्लादेश में
2- शारदा चरण उकील ने अपनी कला शिक्षा किस से ली?
- अवनींद्रनाथ टैगोर से
3- दिल्ली में "उकील स्कूल ऑफ आर्ट" की स्थापना किसने की?
-शारदा चरण उकील ने
4-"रूपलेखा" नामक कला पत्रिका का प्रकाशन किस कलाकार ने किया?
-शारदा चरण उकील ने
5- वह कौन सा कलाकार हैं जिसने "द लाइट ऑफ एशिया" नामक फ़िल्म में में राजा शुद्धोधन का अभिनय किया था?
-शारदा चरण उकील
6-"अर्जुन का युद्ध से विमुख होना" किसकी कृति हैं?
-शारदा चरण उकील
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Sharda Charan Ukil was a Bengali actor and artist
Born (14 November 1888-21 July 1940) in Dhaka (Bangladesh).
He received his art education at Government School of Arts Kolkata from Avanindra Nath Tagore.
In 1927, he established the "Ukil Kala Vidyalaya" at Connaught Place in Delhi with the help of his two brothers.
He started publishing an art magazine called "Rupalekha" in Delhi.
In 1925, he also played the character of a king named Shuddhodhan in a movie titled "The Light of Asia" (Prem Sanyas). The film depicts the life of Gautam Buddha.
His last works of art were in the form of a series of 31 paintings based on the narratives of Shri Krishna for Sri Gopal Ji Temple, Bilaspur, Himachal Pradesh.
Art work-
Arjuna's alienation from war
Ed ka chand
Death of jatayu
Radha krishna
Kunti and Karna
Sita's fire entrance
Shiva and Nandi
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