10 मार्च 1934 को मुंबई में जन्मे और जे.जे. आर्ट स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले भारतीय कलाकार भूपेन खखर बाजार में बिकने वाली प्रतिमाओं, देवताओं की छपी हुई छवियों तथा कलेंडर आदि से कोलाज चित्र बनाएं। इससे पहले इस प्रकार के कोलाज चित्र किसी भी कलाकार ने नही बनाये।
इनकी एक पेंटिंग ‘टू मेन इन बनारस’ करीब 25.4 लाख पाउंड (32 लाख डॉलर ) में नीलाम हुई।
साल 1986 में खखर ने जब मुंबई में पहली बार ‘टू मेन इन बनारस’ का अनावरण किया तो वह अपने काम के जरिए अपने यौन झुकाव के बारे में खुले दिल से बताने वाले पहले भारतीय कलाकार बन गए।
"Two Men in Benares"
इनकी पेंटिंग ‘टू मेन इन बनारस’ समलैंगिकता को दर्शाती है.
भूपेन खाखर अपनी पेंटिंग्स में यौन भावनाओं को खुलकर प्रदर्शित करते हैं.
You Can't Please All
भूपेन खखर "कालिदास सम्मान व पद्मश्री (1984) से भी सम्मानित हुए।
8 अगस्त 2003 को इनका देहांत हो गया।
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