ब्रेकिंग: कलाकार सुखविंर सिंह सिंघल की नकली वाश पेंटिंग 3500 डॉलर में बेची जारी रही

Lucknow : लखनऊ के वाश शैली के प्रसिद्ध कलाकार प्रो. सुखवीर सिंह सिंघल की एक वाश पेंटिंग "सुदामा सत्कार" की एक नकली कापी बनाकर ई-कामर्स साइट ईबे पर 2,14,625 रुपये ( 3500 डालर ) में बेची जा रही है. 

इसके बारे में जानकारी होने पर प्रो. सुखवीर की पौत्री प्रियम चंद्रा ने इस सम्बन्ध मे पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच मे रिपोर्ट की हैं.

इस पेंटिंग में द्वारिकाधीश कृष्ण सुदामा के पांव धों रहे है. यह असली पेंटिंग प्रो. सुखवीर सिंह सिंघल के लखनऊ स्थित संग्रहालय पर मौजूद है.



सुखवीर की पौत्री प्रियम चंद्रा ने बताया की अपने पेंटिंग नाना के विषय में कुछ खोज रही थी तो उन्हें इस पेंटिंग के बिकने का लिंक मिला. 

इसे इस्लामिक ट्रेजर नाम के ई- कामर्स वेबसाइट पर बेचा जा रहा है. 

साइट पे दावा किया गया था कि यह प्रो. सुखवीर सिंह सिंघल की असली पेंटिंग हैं. जबकि ऐसा नहीं है. इस कृति को मूल कृति के साथ रखा जाये तो दोनों कृतियों में अन्तर स्पस्ट नज़र आता है. 

नकली कृति में सुदामा का जनेऊ गायब है. जिस कुर्सी पर कृष्ण और सुदामा बैठे है उस पर बनी डिज़ाइन बदल गई है. सुदामा के पांव धोने मे मदद कर रही महिला की साड़ी की डिज़ाइन मे भी अन्तर दिखाई दे रहा है. 

यहा तक कि प्रो. सुखवीर सिंह सिंघल के हस्ताक्षर को भी कापी किया गया है. बेचने वाले इसे इस्लामिक स्टाइल की पेंटिंग बता रहे हैं. जबकि वास्तविक पेंटिंग वाश पेंटिंग तकनीक पर बनी है.

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