सैफरन आर्ट नीलामी: रिकार्ड कीमतों में बिकी वी. एस. गायतोंडे की पेंटिंग, बिक्री के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा


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भारत के प्रसिद्ध अमूर्त कलाकारों में गिने जाने वाले वासुदेव शान्तु गायतोंडे की एक अनटाइटल्ड पेंटिंग ( V.S Gaitonde " Untitled," 1980 Oil on canvas) रिकार्ड 47.5 करोड़ ($5.79 ) में बिकी हैं। 



गुरुवार 16 मार्च 2023 को हुए सैफ्रान आर्ट इंडिया के स्प्रिंग लाइव ऑक्शन (Saffron Art india Spring live Auction) में V S Gaitonde की 1980 की इस पेंटिंग के लिए  INR 47.5 करोड़ की बोली लगी। जो इस पेंटिंग ने एक विश्व रिकॉर्ड हासिल किया। भारतीय कला के इतिहास में नीलामी होने वाली अब तक की सबसे महंगी पेंटिंग बन गयी।

  • नोट- आपको बता दे वी.एस. गायतोंडे की एक अन्य अनटाइटल्ड पेंटिंग 2021 में करीब 39 करोड़ में बिकी थी 
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सैफरन आर्ट ने लिखा -

एक बार जाना... दो बार जाना... और बिक गया!  हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वी.एस. गायतोंडे द्वारा (कैनवास पर तैल ) 47.5 करोड़ ($ 5.79 मिलियन) में बेचा गया। यह विश्व स्तर पर बेची जाने वाली भारतीय कला का दूसरा सबसे महंगा काम बन गया है और  कलाकार द्वारा हासिल की गई दूसरी सबसे बड़ी कीमत। Going once... going twice... and sold! We're delighted to announce that our headliner for this evening, a luminous oil on canvas by VS Gaitonde sold for Rs 47.5 crores ($5.79 million), inclusive of buyers premium, making it the second most expensive work of Indian art sold globally and the second highest price achieved by the artist.

इसी नीलामी में एस एच रजा की पेंटिंग rajsthan, 1972 (13 करोड़ में), 

जगदीश स्वामी नाथन की "अनटाइटल्ड" पेंटिंग, 1974 ( 2.88 करोड़ में) , 

मंजीत बावा की "अनटाइटल्ड" पेंटिंग, ( 2.64 करोड़ में) , 

एस एच रजा की " La terre " पेंटिंग (2.04 करोड़ में), 

एस एच रजा की " Paysage Nocturne " पेंटिंग (1.37 करोड़ में), एम एफ हुसैन की Rajasthan पेंटिंग (1.13 करोड़ में) 

और एस एच रजा की " Sapna " पेंटिंग (1.18 करोड़ में) बिकी।

वी. एस गायतोंडे के बारे में:

वी. एस गायतोंडे अमूर्तन कला के चित्रों के पितामह के रूप में जाने जाते हैं।

इनका जन्म 1924 में नागपुर (महाराष्ट्र) में हुआ। और इन्होंने सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट से कला की शिक्षा ली।

वी. एस गायतोंडे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप (PAG) के चुनिंदा सदस्यों में से एक थे। जिसमें रजा, हुसैन, आरा, अम्बा दास गाड़े, मूर्तिकार बाकरे जैसे सदस्य शामिल थे।

वी. एस गायतोंडे ने अपने चित्रों में  अमूर्तता होते हुए भी स्वंय को कभी अमूर्त चित्रकार नही माना।

इनकी प्रारंभिक कला शैली जैन तथा बसोहली चित्रों से प्रभावित थी। और इन्होंने अपनी कला में विशिष्ट धारणाओं का समावेश किया।

आपको बता दे इन पेंटिंग्स की नीलामी दक्षिण एशियाई आधुनिक कला आधिकारिक तौर पर मुंबई में शुरू हुई है।

इस नीलामी में अन्य कलाकारों की भी पेंटिंग्स करोड़ों में बिकी देखे पूरी लिस्ट 👇 (Full view tap image)
















Photo credit -Saffron Art india

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