राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदल दिया गया है। अब इसे 'अमृत उद्यान' के नाम से जाना जाएगा। दरअसल, राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन अपनी सुंदरता के लिए काफी चर्चित है। इसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यहां पर 138 तरह के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं।
इस गार्डन को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आम लोगों के लिए खुलवाया था, तब से आज तक हर साल स्प्रिंग सीजन में इसे जनता के लिए खोला जाता है।
15 एकड़ में फैले इस गार्डन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था।
इस वास्तुकार ने किया था डिजाइन:
आजादी के बाद अंग्रेजों ने भारत तो छोड़ा, लेकिन उनकी बनाई कई बेहतरीन इमारतें रह गई। भारत की आजादी से पहले वर्तमान राष्ट्रपति भवन को वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था। वायसराय हाउस (Viceroy's House) को नया और भव्य बनाने के सिए तत्कालीन ब्रिटिश वास्तुकार सर एडिवन लूटियंस (British architect Sir Edwin Lutyens) को इंग्लैंड से भारत बुलाया गया था। लूटियंस ने साल 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया और साल 1928 में मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ।
गार्डन 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खुलेगा:
राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। यहां 26 मार्च 2023 तक उद्यान उत्सव 2023 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देशभर से पर्यटक पहुंचेंगे. इस दौरान गार्डन सभी सोमवार और होली वाले दिन बंद रहेगा।
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