पुरातत्व के दिग्गज श्री बी बी लाल को विशेष रूप से रामायण स्थलों के पुरातत्व पर उनके काम के लिए जाना जाता है, उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से 2021 में सम्मानित किया गया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक प्रो. बीबी लाल का शनिवार (10 सितम्बर 2022) को निधन हो गया। उनका पूरा नाम ब्रजबासी लाल और उम्र 101 साल की थी।
बीबी लाल को भारत का सबसे वरिष्ठ आर्कियोलॉजिस्ट माना जाता था। वह 100 साल की उम्र में भी आर्कियोलॉजी से जुडे़ शोधों में और इसके लेखन में सक्रिय थे।
बीबी लाल का जन्म झांसी जिला के बैडोरा गांव में 02 मई 1921 को हुआ था।
उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा शुरू की।
शिक्षा:
बी बी लाल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय , से संस्कृत में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की । अपनी पढ़ाई के बाद, बी बी लाल पुरातत्व में रुचि विकसित की।
प्रो. बीबी लाल को साल 2000 में पद्मभूषण और 2021 में पद्मविभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
बीबी लाल ने महाभारत और रामायण से जुड़ी साइट्स के साथ-साथ सिंधु घाटी और कालीबंगन पर भी खूब काम किया था।
उनके काम से जुड़ी तमाम किताबें और सैकड़ों रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।
बीबी लाल 1968 से 1972 तक भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग के डायरेक्टर रहे।
इसके अलावा वह यूनेस्को की विभिन्न समितियों में भी शामिल रहे थे। साल 1944 में सर मोर्टिमर व्हीलर ने उन्हें तक्षशिला में ट्रेनिंग दी थी।
खबर साभार Hindustan
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