जाने माने पुरातत्वविद्, कला इतिहासकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित रामचन्द्रन नागास्वामी (R Nagaswamy) का रविवार 23 जनवरी 2022 को चेन्नई (Chennai) में निधन हो गया। वो 91 साल के थे।
नागास्वामी के दामाद भास्कर कैलासम ने बताया कि नागास्वामी के परिवार में दो बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था।
उन्होंने बताया कि उनका निधन चेन्नई स्थित आवास पर दोपहर करीब ढाई बजे हुआ।
जीवन परिचय:
रामचंद्रन नागास्वामी (10 अगस्त 1930 - 23 जनवरी 2022) एक भारतीय इतिहासकार , पुरातत्वविद् और पुरालेखशास्त्री थे, जो तमिलनाडु के मंदिर शिलालेखों और कला इतिहास पर अपने काम के लिए जाने जाते थे ।
तमिलनाडु के पुरातत्व विभाग के पहले निदेशक:
आर नागास्वामी तमिलनाडु (Tamil Nadu) के पुरातत्व विभाग के पहले निदेशक थे।
नागास्वामी प्रसिद्ध पाथुर नटराज मामले में लंदन की एक अदालत में एक विशेषज्ञ गवाह थे और उन्होंने चोल-युग के कांस्य नटराज को तमिलनाडु वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
तमिलनाडु सरकार के पुरातत्व विभाग के गठन के बाद नागास्वामी 1966 में इसके पहले निदेशक बने। वो 1988 में सेवानिवृत्त हुए।
पुरस्कार:
पुरातत्व के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 2018 में प्रतिष्ठित "पद्म भूषण" से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के माध्यम से श्रंद्धाजलि देते हुए लिखा -
"तमिलनाडु की जीवंत संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में थिरु आर. नागास्वामी के योगदान को आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी। इतिहास, पुरालेख और पुरातत्व के प्रति उनका जुनून उल्लेखनीय था। उनके निधन से आहत हूं। उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं। शांति।
The coming generations will never forget the contributions of Thiru R. Nagaswamy towards popularising the vibrant culture of Tamil Nadu. His passion towards history, epigraphy and archaeology were noteworthy. Pained by his demise. Condolences to his family and friends. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2022
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