केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है।
बता दे इस समय विश्वविद्यालयों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की प्रक्रिया तेजी से चल रही हैं। इससे उन छात्रों को राहत मिलेगी जिनके पास पीएचडी की डिग्री नही हैं। हालांकि यह राहत सिर्फ इसी सत्र के लिए दी गयी हैं।
बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना संकट के चलते छात्रों ने उनसे इसमे राहत देने की मांग की थी। क्योंकि कोरोना की वजह से उनकी पीएचडी कम्प्लीट नही हो पाई। इसीलिए छात्रों के हितों के लिए यह फैसला लिया गया हैं। यह राहत उन्हें सिर्फ इसी सत्र के लिए दी गयी हैं।
Courtesy- dainik Jagran
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