कार्टूनिस्टों के सम्मान में हर साल 5 मई को विश्व कार्टूनिस्ट दिवस मनाया जाता है।
एक कार्टूनिस्ट समाज के विभिन्न स्थितियों को अपने कार्टून के माध्यम से व्यक्त करता हैं।
भारत में कार्टून कला:
भारत में कार्टून कला की शुरुआत ब्रिटिश काल में मानी जाती है।
कार्टून कला का पितामह:
कार्टूनिस्ट केशव शंकर पिल्लई जिन्हें "शंकर" के नाम से भी जाना जाता है को भारत के "कार्टून कला का पितामह" कहा जाता है।
इन्होंने 1932 में हिंदुस्तान टाईम्स में कार्टून बनाना प्रारम्भ किए था।
शंकर के अलावा आर के लक्षमण, कुट्टी मेनन, रंगा, आबू अब्राहम और मारियो मिरांडा ऐसे नाम है जिन्होंने भारतीय कार्टून कला को आगे बढाया और पहचान दी।
शंकर के बाद धीरे धीरे कार्टून कला का भारत में विकास हुआ और आज भारत में हर प्रान्त और भाषा में कार्टूनिस्ट काम कर रहे हैं।
- प्रमुख भारतीय कार्टूनिस्ट के नाम:
- के शंकर पिल्लई
- आर के लक्ष्मण
- आबू अब्राहम
- रंगा
- कुट्टी
- मारियो मिरांडा
- केशव
- उन्नी
- काक
- मीता रॉय
- सुधीर दर
- सुधीर तैलंग
- मंजुल
- शेखर गुरेरा
- बाल ठाकरे
- प्राण
- नीरद
- आबिद सुरती
- जसपाल भट्टी
- देवेन्द्र शर्मा
- सुधीर गोस्वामी
- सलाम
- प्रिया राज
- चन्दर
- तुलाल
- येसुदासन
- राजेंद्र धोड़पकर
- यूसुफ़ मुन्ना
- पोनप्पा
- सतीश आचार्य
- अजित नैनन
- त्र्यम्बक शर्मा
- इस्माईल लहरी
- अभिषेक तिवारी
- इरफान
- चंद्रशेखर हाडा
- हरिओम तिवारी
- शिरीश
- पवन
- देवांशु वत्स
- अजित के
- अनूप राधाकृष्णन
- अनुराज के आर
- अरविंदन
- धीमंत व्यास
- धीर
- द्विजित
- गिरीश वेंगर
- गोपिकृष्णन
- सुरेन्द्र वर्मा
- धनेश दिवाकर
- पंकज गोस्वामी
- पिन्टू कुमार वर्मा
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