पाल सेजान को "आधुनिक कला का जन्मदाता" कहा जाता हैं।
20वीं सदी की कला पर सर्वाधिक प्रभाव पाल सेजान का दिखाई देता हैं। यह भी कहा जाता हैं कि उसके बिना 20वीं सदी की कल्पना ही नही की जा सकती।
पाल सेजान की कला घनवाद , फाववाद, या किसी वाद के अंतर्गत नही आती।
पाल सेजान को घनवाद का प्रेरणा माना जाता हैं। क्योंकि घनवाद के बीज उनके कृतियों में देखने को मिलते हैं।
पाल सेजान के आरंभिक चित्रों में रंगाकन पद्धति , स्वच्छंद व रोमांसवादी हैं। व उनमें गहरे रंगों का अत्यधिक प्रयोग है।
पाल सेजान ने कई बार चाकू से भी रंगाकन किया हैं।
कला समीक्षको ने पाल सेजान को " पिस्तौल चित्रकार " कहकर पुकारा।
पाल सेजान द्वारा 1880 में बनाया गया चित्र " फाँसी दिए गए व्यक्ति का मकान" ( The Hanged Man House) उत्तर प्रभाववादी शैली का पहला उत्कृष्ट चित्र माना जाता हैं।
पाल सेजान के अन्य महत्वपूर्ण पेंटिंग-
ताश खेलने वाले ( The card players)स्नानमग्ना युवतियां ( The Bathers)
काली घड़ी ( Black Clock)
Note- पाल सेजान का " स्नानमग्ना युवतियां " पिकासो के प्रथम घनवादी चित्र " आविनयों की स्त्रियां" से मिलता जुलता हैं।●चाचा डोमिनिक ( Uncle Dominique)
22 अक्टूबर 1906 को (aged 67) पाल सेजान की मृत्यु हो गई।
उत्तर प्रभाव वाद के बारे में-
उत्तर प्रभाववाद कोई कला आंदोलन न होकर नव प्रभाववाद के उपरांत चित्रण में उत्पन्न नयी हलचल थी।
प्रभाववाद के अंतिम कलाकारों में यह भावना प्रबल हो गयी थी कि कला विज्ञान नही वरन कला हैं।
वस्तुतः चित्र के यथावत चित्रण के स्थान पर भावों को चित्रों में अभिव्यक्त करने पर बल दिया गया। और ऐसे कलाकारों को उत्तरप्रभाववादी कलाकार कहा गया। जिनमें पाल सेजान, विंसेंट वान गाग और पाल गागीन ( पाल गोग्वा) थे।
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