हुमायूं का जन्म:
हुमायूं का जन्म 6 मार्च 1508 को काबुल, अफगानिस्तान में हुआ था।
निधन - 27 जनवरी 1556 (दिल्ली में)
हुमायूं का पूरा नाम नसीरूद्दीन मुहम्मद हुमायूं था।
चित्रकला की शुरुआत और फारसी चित्रकारों से मुलाकात:
1530 में बाबर के बाद हुमायूं सिंहासन पर बैठा लेकिन लगातार राजनीतिक समस्याओं में उलझा रहा और चित्रकला को एक निश्चित दिशा नहीं दे सका।
अफगान नेता शेरशाह के नेतृत्व में अफ़गानों ने हुमायूं को पराजित कर भारत की सत्ता छीन ली थी अतः हुमायूं पुनः भारत की सत्ता प्राप्त करने के लिए सैनिक सहायता हेतु फारस के शाहताहमास्प के दरबार में पहुंचा। और फारस (वर्तमान में ईरान) के तबरेज नामक स्थान पर फारसी चित्रकार मीर सैयद अली और ख्वाजा अब्दुसमद सिराजी से हुमायूं की मुलाकात हुई।
यह दोनों चित्रकार फारसी चित्रकला के जन्मदाता बिहजाद के शिष्य थे।
हुमायूं ने इन दोनों चित्रकारों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया। और बाद में यह दोनों चित्रकार हुमायूं के दरबारी चित्रकार के रूप में नियुक्त हुए।
मुगल चित्रकला की नींव:
फारस से प्राप्त सैन्य सहायता के बल पर हुमायूं ने 1547 में काबुल पर अधिकार कर लिया था और इसी वर्ष मीर सैय्यद अली अपने पिता मंसूर के साथ काबुल पहुचा था। और इसी के द्वारा मुगल चित्रकला की नींव डाली गई थी। अतः हुमायूं के समय मुगल चित्रकला की नींव पड़ी ।
मुगल चित्रकला का जन्मदाता:
मुगल चित्रकला का जन्मदाता इसी मीर सैयद अली को माना जाता हैं।और यही हुमायूं का प्रमुख चित्रकार था।
हुमायूं की मृत्य:
सन 1556 ई. में पुराने किले में ( दिल्ली के चिड़ियाघर के समीप बना किला) पोथीखाने (लाइब्रेरी) की सीढ़ियों से पैर फिसल जाने के कारण हुमायूं की मृत्यु हो गयी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
●हुमायूँ के बेटे का नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था।
●हुमायूँ की जीवनी का नाम हुमायूँनामा है जो उनकी बहन गुलबदन बेग़म ने लिखी है। इसमें हुमायूँ को काफी विनम्र स्वभाव का बताया गया है ।
●हुमायूं के दरबारी चित्रकार ख़्वाजा अब्दुस्समद और मीर सय्यद अली थे। अब्दुस्समद पशु चित्रण में पारंगत था तो मीर सैयद अली ग्राम्य चित्रण में।
●हुमायु ने अब्दुस्समद को " शीरी कलम" ( मधुर लेखनी) की उपाधि दी थी। और मीर सैयद अली को "नादिर-उल-अश्र" (युग शिरोमणि) की उपाधि।
●इन दोनों चित्रकारों ने हुमायूं के समय चावल के दाने पर चौगान पोलो के खेल का दृश्य चित्रित किया था।
●हुमायूं ने इन्हीं दोनों चित्रकारों के द्वारा "दास्तान ए अमीर हमजा" (हम्जानामा) का चित्रण प्रारंभ कराया था। यह मुगल चित्रकला का पहला चित्रित ग्रंथ माना जाता है। इसका चित्रण अब्दुस्समद के निर्देशन में अकबर के कार्यकाल में पूरा हुआ था । हुमायूं के समय इस ग्रंथ के चित्रण का निर्देशन मीर सैयद अली ने किया था।
●हुमायूं के चित्रकला प्रेम की जानकारी इस बात से मिलती है कि वह सदैव अपने साथ चित्रित पुस्तकें और चित्रकारों का एक दल रखता था उसे सिंध से कंधार की ओर जाते समय एक कबूतर को पकड़ कर उसका चित्र बनवाया था ।
●ब्रिटिश संग्रहालय में सुरक्षित हुमायूं के समय एक ऐसा चित्र मिला है जिसमें बालक अकबर अपने पिता हुमायूं को एक चित्र भेट कर रहा है यह चित्र ख्वाजा अब्दुसमद के द्वारा तैयार किया गया था। वर्तमान में यह चित्र तेहरान के गुलिस्ता पोथी खाने में हैं।
●हुमायूं के समय चित्रित दो अन्य ग्रंथ-
1- नादिर-उल-मुलक हुमायूं शाही
2- मासिर-उल-उमरा
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