आज ललित कला अकादमी अपना 66वां स्थापना दिवस मना रहा हैं। Lalit kala akademi celebrate 66th Foundation Day



आज ललित कला अकादमी अपना 66वां स्थापना दिवस मना रहा हैं।

ललित कला अकादमी की स्थापना-
भारतीय कला के प्रति देश विदेश में समझ और प्रचार - प्रसार के लिए भारत सरकार ने 5 अगस्त 1954 को राष्ट्रीय ललित कला अकादमी की स्थापना नई दिल्ली में की थी। 

ललित कला अकादमी के प्रथम अध्यक्ष-
ललित कला अकादमी के प्रथम अध्यक्ष मूर्तिकार देवी प्रसाद रॉय चौधरी थे। देवी प्रसाद कला के क्षेत्र में चित्रकारी व मूर्तिकारी में समान अधिकार रखते थे, लेकिन मूर्तिकार के रूप में अधिक प्रसिद्ध हुए।

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ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केंद्र-
राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली व भुवनेश्वर में हैं। इन क्षेत्रीय केंद्रों को राष्ट्रीय कला केंद्र के नाम से जाना जाता हैं। इन केंद्रों पर पेंटिंग, मूर्तिकला, और प्रिंट निर्माण के कलाओं के विकास के लिए कार्यशाला हैं।

प्रदर्शनी और आयोजन-
राष्ट्रीय ललित कला अकादमी द्वारा प्रत्येक तीन वर्ष पर समकालीन कला पर नई दिल्ली में त्रैवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी "त्रिनाले इंडिया" का आयोजन किया जाता हैं। राष्ट्रीय ललित कला अकादमी प्रत्येक वर्ष जाने माने कलाकारों को अपना फ़ेलो चुनकर सम्मानित करती हैं।

ललित पत्रिकाएं-
राष्ट्रीय ललित कला अकादमी द्वारा अंग्रेजी में "ललित कला कंटेम्परेरी" तथा "ललित कला एनसियन्ट" नामक अर्द्धवार्षिक कला पत्रिकाएं भी प्रकाशित की जाती हैं। हिंदी में " समकालीन कला" नामक अर्द्धवार्षिक कला पत्रिका प्रकाशित की जाती हैं।

वर्तमान अध्यक्ष-
राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के वर्तमान अध्यक्ष प्रसिद्ध शिल्पकार श्री उत्तम पाचारने जी हैं। इन्हें 17 मई 2018 को नियुक्त किया गया था। यह संभालने की तिथि से तीन वर्ष तक के लिए नियुक्त किये गए हैं।

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