इन्होंने जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट बम्बई से कला की शिक्षा ली।
जेराम पटेल मुख्यतः ग्राफिक कलाकार के रूप में जाने गए।
जेराम पटेल का प्रिय माध्यम स्याही था। इनकी महत्वपूर्ण विशेषता जली हुई लकड़ी के विम्बों का प्रयोग अपने चित्रो में किया जाना हैं। इन्होंने कागज पर रेखांकन के अतिरिक्त धातु की चादरों तथा काष्ठ फलकों पर रिलीफ चित्रण भी किया।
जेराम पटेल अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन और इंडिया हैंडलूम बोर्ड में भी कार्य किया।
इन्होंने जे. स्वामीनाथन और अन्य कलाकारों के साथ, ग्रुप 1890 का गठन किया। जिसमे जे. स्वामीनाथन संस्थापक थे, और ये महासचिव चुने गए।
इन्होंने लन्दन से डिजाइन टाइपोग्राफी व पब्लिसिटी डिजाइन में डिप्लोमा किया।
जेराम पटेल को 1957, 1963, 1973 और 1984 में ललित कला अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और 1976 में डिज़ाइन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
●वह प्रश्न जो परीक्षाओ में पूछे गए-
दोस्तों आइये देखते हैं वह प्रश्न जो एग्जाम में पूछे गए-
1-
किस आधुनिक भारतीय चित्रकार के रेखांकन पहली नजर में ठोस काले विस्तार के रूप में दिखते हैं? (UP TGT 1999 EXAM)
2- वह प्रसिद्ध मूर्तिकार कौन था जो अपनी जलाई, जली लकड़ी की मूर्तिकला के लिए जाना जाता था। ? (UP TGT 2004 EXAM)
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