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अपनी पत्नी मार्गुराइट के साथ निरोद मजूमदार फोटो-विकिपीडिया |
निरोद मजूमदार (Nirode Mazumdar) आधुनिकतावादियों की पहली पीढ़ी के भारतीय आधुनिक चित्रकार थे जिनका जन्म 11 मई 1916 को कलकत्ता में हुआ था।
इनकी छोटी बहन शानू लाहिड़ी (1928-2013) भी एक प्रख्यात चित्रकार और कला शिक्षिका थी।
निरोद मजूमदार इंडियन सोसायटी ऑफ ओरियंटल आर्ट में क्षितिन्द्रनाथ मजूमदार के संरक्षण में कला का अध्ययन किया।
निरोद मजूमदार की कला बंगाली मुहावरों और प्रासंगिक दंतकथाओं के साथ गहराई से जुड़ी हुई हैं। इन्होंने स्वदेशी स्वरूप के साथ यूरोपीय रचना पद्धति में महारत हासिल की।
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उचाई सरबा (स्थायी घोडा ) 1962 |
निरोद मजूमदार "कलकत्ता ग्रुप" से ज़ुड़े हुए थे। और इन्होंने इस ग्रुप के सदस्य कलाकारों गोपाल घोष, प्रणय कृष्ण पाल, मूर्तिकार कमला दास गुप्ता, रथिन मित्रा, परितोष सेन, और प्रदोष दास गुप्ता के साथ मिलकर 1943 में इस ग्रुप की स्थापना की।
इनकी पहली प्रदर्शनी 1944 में कलकत्ता में हुई थी। और यह कलकत्ता ग्रुप के द्वारा ही आयोजित किया गया था।
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मजूमदार को फ्रांसीसी सरकार की छात्रवृत्ति मिली जिस पर इन्होंने फ्रांसीसी कलाकार आंद्रे हॉलैंड की अकादमी में उत्कीर्णन का अध्ययन किया।
यूरोप में एक दशक तक रहने के बाद वह 1967 में कलकत्ता लौट आये।
इस कलाकार का 26 सिंतबर 1982 को निधन हो गया।
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