महत्वपूर्ण कला संगठन- पैग, शिल्पी चक्र, ग्रुप 1890 आदि




1-प्रगतिशील कलाकार संघ (PAG)
(Progressive Artist Group):(1947)

स्थापना-
पैग की स्थापना 1947 (बम्बई) में हुई थी।

सदस्य-
F.N. सूजा (अग्रणी भूमिका), कृष्ण हवाला जी आरा , सैयद हैदर रजा, हरि अम्बा दास गाड़े, मूर्तिकार सदानंद बाकरे, M.F. हुसैन।

●पैग की पहली बैठक/घोषणा पत्र गिरी गांव में 1948 में हुई। इस बैठक में
F.N. सूजा (महासचिव), कृष्ण हवाला जी आरा(जनसम्पर्क अधिकारी), हरि अम्बा दास गाड़े ( कैशियर) की भूमिका में थे।

प्रथम प्रदर्शनी-
●7 जुलाई 1949 को।
●उद्घाटन किया गया- मुल्कराज आनन्द द्वारा
●प्रदर्शनी का कैटलॉग तैयार किया- F.N. सूजा द्वारा।
-इस प्रदर्शनी में नए विषयो के चित्र नई शैली में बनाये गए। जैसे K.H.आरा द्वारा बनाये गए चित्र- वेश्याओ,जुआरियों,भिखारियों आदि।

पैग की दूसरी प्रदर्शनी-
1950 में सयुंक्त प्रदर्शनी

पैग की अंतिम प्रदर्शनी-
●6सितम्बर1952 को।
●कैटलॉग तैयार किया गया- कृष्ण खन्ना द्वारा।
इस प्रदर्शनी में m.f.हुसैन के चित्र विशेष चर्चित रहे।

नोट-
सयुंक्त प्रदर्शनी-
पैग व कलकत्ता ग्रुप की एक मात्र सयुंक्त प्रदर्शनी 1950 बम्बई में आयोजित हुई।

नोट-
●यह संगठन 1952-53 तक कायम रहा।

●पैग के कलाकारों को अपने चित्रो की प्रदर्शनी हेतु कावश जी जहाँगीर ने बम्बई में जगह प्रदान की थी।
जहाँ 21 जनवरी 1952 को महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाल गंगाधर खेर ने जहाँगीर आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया था।

कलाकार परिचय-
●फ्रांसिस न्यूटन सूजा-आकृतियों का कलाकार
●K.H.आरा- स्थिर चित्रण विशेषज्ञ
●सैयद हैदर रजा- दृश्य चित्रकारी( मुख्य रूप से करते हैं)
बिंदु शैली का अविष्कार

2-शिल्पी चक्र (1949)
 स्थापना-
शिल्पी चक्र की स्थापना 25 मार्च 1949 को दिल्ली में हुई। इसके संस्थापक भवेश चन्द सान्याल थे। इस संगठन की स्थापना में यामिनी रॉय की वैचारिक भूमिका महत्वपूर्ण रही।

जुड़े सदस्य-
k.s. कुलकर्णी, कंवल कृष्ण, धनराज भगत, (मुख्य भूमिका)

अन्य सदस्य-
प्राणनाथ मागो, सतीस गुजराल, राम कुमार, देवयानी कृष्ण(कंवल कृष्ण की पत्नी), दमयंती चावला, जया अप्पा स्वामी, बृजमोहन धनोट, जगमोहन चोपड़ा, अनुपम सूद, रामेश्वर ब्रूटा, परमजीत सिंह आदि।

●शिल्पी चक्र की वार्षिक प्रदर्शनी में एक गैर सदस्य कलाकार को आमंत्रित किये जाने की परंपरा थी। ऐसे आमंत्रित कलाकारों में के. जी. सुब्रमण्यम, और शैलोज मुखर्जी प्रमुख थे।

●यह संस्था 1960 तक कायम रही।

3-ग्रुप 1890
स्थापना- 1963 दिल्ली में
संस्थापक- जे. स्वामी नाथन
महासचिव- जयराम पटेल

ग्रुप 1890 नाम कैसे पड़ा?

नए कलाकारों की बैठक जे. पांड्या के मकान में हुई और इस बैठक में  एक अलग कला संगठन  स्थापित करने का सुझाव जगदीश स्वामी नाथन द्वारा दिया गया था। उन्ही के सुझाव पर इस नए कला संगठन का नामकरण जे.पांड्या के मकान नम्बर 1890 के नाम पर "ग्रुप 1890'' रखा गया था।

जुड़े सदस्य-
गुलाम मु. शेख, हिम्मत शाह, हरि अम्बा दास गाड़े, एस. जी. निगम, राघव कनेरिया, एरिक बोअन, एम. रेडप्पा नायडू, बालकृष्ण पटेल, ज्योति भट्ट, राजेश मेहरा

प्रदर्शनी-
इस ग्रुप की प्रथम प्रदर्शनी 20 oct. से 29 oct. 1963 तक रविन्द्रभवन नई दिल्ली में हुई। 
उदघाटन किया था- जवाहरलाल नेहरू ने
कैटलॉग तैयार किया था- मैक्सिको के प्रसिद्ध कवि ऑक्टेवियो पॉज ने

■यह प्रदर्शनी ग्रुप 1890 की पहली और आखिरी प्रदर्शनी थी।


4-ग्रुप 8 -

●1967 में स्थापित ग्राफिक कलाकारों का संगठन था इसकी स्थापना में जगमोहन चोपड़ा की भूमिका प्रमुख थी।
ग्रुप 8 के अन्य सदस्यों में-
अनुपम सूद, लक्ष्मी दत्ता , उमेश वर्मा, विजय वर्मा, जगदीश डे आदि शामिल थे।।

5-मद्रास चोल मंडल-

●1966 ईसवी में k.c.s. पन्नीकर द्वारा मद्रास के बाहरी इलाके में स्थापित कलाकारों का एक गाँव है जिसे चोल मण्डल की संज्ञा दी गयी है।
●कलाकारों के इस गाँव में चित्रकार मूर्तिकार हस्तशिल्पी निवास करते है जिन्होंने व्यक्तिगत अभिव्यंजना वादी शैली का विकास किया और कला के क्षेत्र में नवीन प्रयोग किये।
●इस प्रकार यह कलाकारों का पहला गाँव तथा देश का एक महत्वपूर्ण रचनात्मक केंद्र है जो महाबलीपुरम के नवीन राजमार्ग पर 8 :5 एकड़ भू-भाग में स्थापित है।
●यहाँ कलाकारों के स्टूडियो , एक स्थायी कला दीर्घा , एक धातु कार्य शाला , अतिथिगृह व् कलाकारों के कार्यालय मौजूद है।

6-कलकत्ता ग्रुप-1943

इस कला संगठन की स्थापना 1943 में मूर्तिकार व चित्रकार के रूप में प्रसिद्ध प्रदोष दास गुप्ता के प्रयासों से हुई।

●यह संगठन आधुनिक कला आंदोलन की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम था।

कलकत्ता ग्रुप के अन्य संस्थापक सदस्यों में-
गोपाल घोष, नीरज मजूमदार, प्रणय कृष्ण पाल, मूर्तिकार कमला दास गुप्ता, रथिन मित्रा, परितोष सेन आदि शामिल थे।

●कलकत्ता ग्रुप की पहली प्रदर्शनी 1944 में बम्बई में हुई । दूसरी भी 1945 में बम्बई में हुई । 1950 में पैग तथा कलकत्ता ग्रुप की एक संयुक्त प्रदर्शनी भी बम्बई में आयोजित हुई थी।

7-बॉम्बे ग्रुप (1957)-
●प्रगतिशील कलाकार संगठन(पैग) के बिखराव के बाद इस संगठन से जुड़े कलाकारों ने कुछ अन्य कलाकारों से मिलकर बॉम्बे ग्रुप की स्थापना 1957 में की थी।

इस ग्रुप के संस्थापक k.k. हैब्बर को माना जाता हैं।

इस ग्रुप से जुड़े अन्य कलाकार हैं-
k.h. आरा, H.A. गाड़े, S.D. चावड़ा, K.S. कुलकर्णी, मोहन सामंत, हरिकिशन लाल, वी.एस. गायतोंडे, बाबूराव सदवलकर, आदि।

बाद में बॉम्बे ग्रुप से जुड़े कलाकारों में-
जहाँगिर सबावाला, तैयब मेहता, S.B. पलसीकर,अकबर पदमसी आदि।

●बॉम्बे ग्रुप 1957 से 1962 तक सक्रिय रहा। इस ग्रुप की कुल 6 प्रदर्शनियां आयोजित कि गयी थी।

●बॉम्बे ग्रुप के कलाकार रेखांकन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध थे।

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