राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट , जयपुर में इन दिनों छात्र काफी दिनों से अनियमितताओं और योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं । इस कला संस्थान के छात्रों के भविष्य के लिए और महाविद्यालय की प्रतिष्ठा बचाने के लिए इस प्रदर्शन में साथ देने की अपील की हैं। बता दे कि यह राजस्थान का एक मात्र कला महाविद्यालय हैं।
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धागों से खुद को बांधकर प्रदर्शन करते हुए |
राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट, जयपुर( 1857ई.) का इतिहास-
जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह द्वतीय ने 1857 में "मदरसा-ए-हुनरी" नामक कला विद्यालय सिटी पैलेस के बादल महल में स्थापित किया। प्रथम प्राचार्य डॉ सी. एस. वेलेंटाइन नियुक्त हुए।
"मदरसा-ए-हुनरी" नाम से प्रारंभ हुए इस कला महाविद्यालय को कालांतर में क्रमसः जयपुर स्कूल ऑफ आर्ट , महाराजा स्कूल ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट से भी जाना गया। इस कला महाविद्यालय को असित कु. हलदर , शैलेंद्र नाथ डे, हिरण्मय चौधरी तथा कुशल कुमार मुखर्जी ने प्राचार्य व उपाचार्य पद पर रहते हुए गौरवान्वित किया।
शैलेंद्र नाथ डे के शिष्यों में पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय, कलाविद देवकीनंदन शर्मा तथा कलाविद परमानंद चोयल ने क्रमशः जयपुर , वनस्थली विद्यापीठ एवं उदयपुर को अपनी कार्यस्थली बनाया।
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