चिमाबूये की -188 करोड़ की पेंटिंग नीलाम हुई






               188 करोड़ में नीलाम हुई पेंटिंग

फ्रांस के उत्तरी भाग कॉम्पैनियन स्थित एक बुजुर्ग महिला की रसोई में एक 13वीं सदी की एक पेंटिंग लगी हुई थी. महिला की रसोई से मिली यह पेंटिंग € 24m यानि करीब 188 करोड़ रूपये में नीलाम हुई है. 
   अब तक कि सबसे महंगी मध्ययुगीन पेंटिंग

बता दे कि इससे पहले तक कोई भी 
मध्ययुगीन पेंटिंग नीलामी में इतनी महंगी नहीं बिकी थी.
महिला को नही पता था पेंटिंग के बारे में

यह पेंटिंग साल 1960 से इस महिला रसोई घर में टंगी हुई थी. इस घर की किसी भी व्यक्ति को इस पेंटिंग के बारे में कुछ नहीं पता था. इसी साल के शुरूआत में जब महिला ने अपना घर बदला और पुराना फर्नीचर का सामना खरीदने आए एक व्यक्ति की नजर इस पेंटिंग पर पड़ी, जिसके बाद इस महिला को पेंटिंग के बारे में पता चला.

नीलामी से प्राप्त राशि महिला को भी दी जाएगी

रविवार को पेरिस के बाहर एक्टऑन नीलामी घर में इस पेंटिंग की नीलामी की गई. एक्टऑन नीलामी घर के डोमिनिक लेकोएंट ने इस बारे में कहा,'1500 साल पूर्व किए गए काम के लिए यह बिक्री एक तरह का विश्व रिकॉर्ड है. यह एक अद्वितीय पेंटिंग है, जो शानदार और यादगार है.पेंटिंग की अधिकांश राशि महिला को जल्द ही मिल जाएगी.'
चिमाबुये पुनर्जागरण काल का पिता

बता दे कि  इस पेंटिंग का निर्माण चिमाबुए ने किया है. चिमाबुए को पुनर्जागरण काल के पिता माना जाता है. चिमाबुए ने ही इतालवी मास्टर जियोत्तो को शिक्षा दी थी. चिमाबुए को बजेंटाइन शैली के लिए जाना जाता है. उन्होंने मात्र 11 पेंटिंग बनाई थी जो लकड़ी पर बनाई गई थी. हालांकि किसी भी पेंटिंग पर चिमाबुए ने अपने हस्ताक्षर नहीं किए. यह पेंटिंग 26 सेंटीमीटर लंबी और 20 सेंटीमीटर चौड़ी है.

पेरिस के ट्यूरिन में कला विशेषज्ञों ने अवरक्त प्रतिबिंबन का उपयोग करके इस बात की पुष्टि की कि यह टुकड़ा 1280 से बड़े डिप्टीच का हिस्सा था, जब चिमाबुए ने ईसा मसीह के आठ दृश्यों को चित्रित किया.
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