केरल के मलप्पुरम जिले में जन्मे देश के प्रसिद्ध चित्रकार करुवत्तु मन वासुदेवन नंबूथिरी (Artist Namboothiri) का 7 जुलाई 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो कई दिनों से हॉस्पिटल में एडमिट थे।नंबूथिरी के यूं चले जाने से हर जगह शोक की लहर गूंज उठी है।
देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक ने उन्हें ट्विटर के माध्यम से श्रद्धांजलि दी है।
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट पर लिखा, ‘श्री केएम वासुदेवन नंबूथिरी जी को उनके काम के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें उनकी क्रिएटिविटी से हिस्ट्री और कल्चर से संबंधित पहलुओं को पॉपुलर बनाने के प्रयासों के लिए से सम्मान दिया जाता है। उनके यूं चले जाने से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ओम शांति।’
अमित शाह ने लिखा, ‘श्री के एम वासुदेवन नंबूथिरी जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उनकी पेंटिंग्स और मूर्तियों ने हमारे इतिहास में जान फूंक दी और इसके साथ हमारे संबंध को पुनर्जीवित किया। उनकी फैमिली और फैंस के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।’
करुवत्तु मन वासुदेवन नंबूथिरी (जन्म 13 सितंबर 1925 - मृत्यु 7 जुलाई 2023) जिन्हें नंबूथिरी के नाम से जाना जाता है , एक भारतीय चित्रकार और मूर्तिकार थे, जो अपनी रेखा कला के लिए जाने जाते थे ।
आपको बता दें नंबूथिरी ने 1960 से 2010 तक लगभग सभी महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के लिए चित्रकारी की। इसके अलावा उन्होंने कई समाचार पत्रों में और कुछ फिल्मों में आर्ट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया। उन्होंने कई मलयालम फिल्मों में महत्वपूर्ण किरदारों को चित्रित भी किया।
अपने कई दशक पुराने करियर में नंबूथिरी ने दक्षिणी राज्य में साहित्यिक प्रकाशनों के लिए कई लोकप्रिय चरित्रों के लिए चित्रकारी की।
नंबूथिरी अपनी अलग शैली के रेखाचित्रों के लिए जाने जाते थे।
प्रसिद्ध कलाकार के सी एस पणिक्कर के शिष्य नंबूथिरी ने देबी प्रसाद रॉय चौधरी और एस धनपाल जैसे दिग्गज चित्रकारों से भी प्रेरणा ली।
उन्होंने ‘मद्रास स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स’ में चित्रकारी का अध्ययन किया।
उन्होंने केरल ललितकला अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। उन्होंने कई अन्य सम्मानों के अलावा 2003 में अकादमी द्वारा स्थापित राजा रवि वर्मा पुरस्कार जीता था।
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