मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 45 कि.मी. दक्षिण में " भीमबेटका" नामक पहाड़ी पर लगभग 600 गुफाएं मिली। जिनमें 275 चित्रित गुफाएं हैं। भीमबेटका की इन गुफ़ाओं के खोज का श्रेय "डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर" को दिया जाता हैं। जो उज्जैन विश्वविद्यालय (म.प्र.) के प्रोफेसर थे।
ये गुफाएं मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गौहरगंज तहसील में स्थित हैं। पांडवो के भीम के निवास के कारण इसका नाम भीमबेटका पड़ा।
डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर का जन्म मध्यप्रदेश के नीमच नामक स्थान पर (4 मई 1919- 3 अप्रैल 1988) को हुआ था। ये भारत के एक प्रमुख पुरातत्वविद, कलाविद, इतिहासकार, व शोधकर्ता थे।
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डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर संस्कार भारती से भी जुड़े थे। जो कला को समर्पित एक भारतीय कला संगठन हैं।
डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर संस्कार भारती के संस्थापक महामंत्री थे।
संस्कार भारती की स्थापना चित्रकार बाबा योगेंद्र नाथ जी ने 1981 में किया था।
डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में अर्पित किया। इन महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने इन्हें 1975 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए संस्कार भारती ने जन्म शताब्दी वर्ष (4 मई 2019 से 3 मई 2020 तक ) मनाया।
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