प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री प्राप्त अर्जुन प्रजापति (Arjun Prajapati) का कोरोना संक्रमण से निधन (9 अप्रैल, 1957 - 12 नवम्बर 2020) हो गया है.
अर्जुन प्रजापति 'क्लोनिंग के महारथी' कहे जाते थे. ये भारत के पहले ऐसे मूर्तिकार हैं जो मात्र 20 मिनट में किसी को भी सामने बैठाकर उसका क्लोन तैयार कर देते थे. इसके चलते उन्हें ‘क्लोनिंग के महारथी’ कहा जाने लगा।
इन्होंने 2008 में एक आर्ट गैलरी 'माटी मानस' का निर्माण किया। जो राजस्थान का पहला मूर्ति शिल्प संग्रहालय है। और इस संग्रहालय की नींव का पहला पत्थर उप राष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने रखी थी।
इन्होंने राजस्थान की ‘बणी-ठणी’ कला को एक नया रूप प्रदान किया। उन्होंने अपनी मूर्ति कला से नारी के सुडौल शरीर और चेहरे को अपनी कला से जीवंत कर दिया। इन्होंने नारी के सौन्दर्य को उसकी संपूर्णता में उभारा और मूर्त रूप दे दिया.
इन्होंने मार्बल, टेराकोटा, ब्रॉन्ज, प्लास्टर ऑफ पेरिस और फाइबर ग्लास में काम किया।
इनके निधन की खबर से विश्व के कला प्रेमियों में मायूसी है.
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