सुदर्शन पटनायक: रेत कला के जरिये गायक बालासुब्रमण्यम को श्रद्धांजलि दी ( sand artist of odisha Sudarsan Pattnaik)


रेत के जादूगर कहे जाने वाले और ओडिशा ललित कला अकादमी के वर्तमान अध्यक्ष सुदर्शन पट्टनायक ने पुरी बीच पर रेत कला के साथ प्रसिद्ध गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को श्रद्धांजलि दी।

आपको बता दे कि मशहूर गायक बालासुब्रमण्यम का 25 सितम्बर 2020 को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया।

बालासुब्रमण्यम कई भाषाओं जैसे तमिल ,तेलगु, हिंदी, कन्नड, मलयालम में 40 हजार से अभी अधिक गाने गाए। भारत सरकार ने इन्हें 2001 में पद्मश्री और 2011 में पदम् भूषण से सम्मानित किया।

सुदर्शन पटनायक का जीवन:


"कहते हैं रेत पर कुछ नहीं टिकता, मगर मेरी जिंदगी की इमारत इसी रेत पर तामीर हुई"

सुदर्शन पटनायक का जन्म  15 अप्रैल 1977 को ओडिशा में हुआ था।  बचपन इनका बहुत अभावग्रस्त में बिता। छोटी उम्र में ही इन्होंने अपने पिता को खो दिया था। लेकिन इन्होंने परिस्थितियों से हार नही मानी।


रेत के जादूगर:

"वे कहते हैं, 'मैंने रेत को मामूली नहीं समझा। दरअसल, यहां कुछ मामूली नहीं। सब आपकी सोच का कमाल है, सब आपके जज्बे पर निर्भर है कि आप तिनके से क्या कमाल कर जाते हैं। आपका जच्बा ही आपको बनाता है और उस ऊंची चोटी पर बिठा सकता है, जिसके बारे में खुद आपको भी नहीं मालूम।"(साभार दैनिक जागरण)

आज भारत के ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध रेत कलाकार के रूप में जाने जाते हैं। इनको रेत का जादूगर भी कहा जाता हैं।

भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में  पद्मश्री से सम्मानित भी किया।

इनको प्रतिष्ठित इटेलियन गोल्डन सेंड अवॉर्ड-2019 के लिए भी चुना गया था। और साथ ही पीपुल चॉइस अवार्ड 2014, 5 लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोदावरी अवॉर्ड 2012 से भी नवाजे जा चुके हैं।

वर्तमान में ये ओडिशा ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं।


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