प्रसिद्ध भारतीय कलाकार सतीश गुजराल : Satish Gujral Biography - Paintings & Artworks, Life History



●25 दिसम्बर 1925 को झेलम (लाहौर) में जन्में सतीश गुजराल का 26 मार्च 2020 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 94 साल के थे।
प्रधानमन्त्री मोदी जी ने शोक व्यक्त करते हुए ट्विट किया 


●लाइफ ऑफ गुजराल:

●सतीश गुजराल ने मात्र 13 साल की आयु में सुनने का सामर्थ्य खो दिया था। इन्होंने अपनी आत्मकथा 'अ ब्रश विद लाइफ़' में लिखा है -  "उस दिन अगर मेरी माँ ने मुझे झिंझोड़ कर जगाया नहीं होता तो मुझे पता ही नहीं चलता कि सुबह हो गई है और मेरे घर का आँगन सूरज की रोशनी से नहा उठा है. मेरी आखें एक बिल्कुल शाँत दुनिया में खुली. मैंने अपना मुँह खोल कर कुछ कहने की कोशिश की लेकिन मैं अपनी ही आवाज़ नहीं सुन पाया. मेरी माँ ने मुझे हिलाया और पूरी ताक़त से मेरे कानों में चिल्लाई. मैं सिर्फ़ उनके मुँह को खुलते हुए देखता रहा. मुझे कुछ भी सुनाई नहीं पड़ा."

●शुरू में इन्होंने लाहौर के "मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स" से कला की शिक्षा ली । इसके बाद वह 1944-1947 तक  "सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स मुम्बई" से कला डिप्लोमा किया।

●सतीश गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार थे।

●सतीश गुजराल ने अनेक माध्यमों में काम किया। इन्होंने पेंटिंग्स बनाई, कोलाज चित्रण किया, म्यूरल्स में काम किया, बाटिक चित्रण में कार्य किया,  स्कल्पचर और रिलीफ कार्य  किया।

●इन्होंने सबसे ज्यादा "कोलाज म्यूरल्स" में कार्य किया। या यूं कहें कि कोलाज चित्रण इनका सबसे प्रिय माध्यम रहा।

●इनके म्यूरल्स एल्मुनियम, ब्रांज, टेराकोटा, टाईल्स, सिरेमिक तथा काष्ठ द्वारा निर्मित हैं। इन्होंने कुछ म्यूरल्स में अंग्रेजी के कुछ शब्दों का भी प्रयोग किया हैं जैसे- Phone , Coca Cola, IBM

●गुजराल ने दिल्ली में बेल्जियम के दूतावास को डिज़ाइन किया। इन्होंने उन्होंने सऊदी अरब के शाह फ़ैसल का फ़ार्म हाउज़, बहरीन के प्रधानमंत्री का निवास, काठमांडू में भारत का दूतावास और गोवा विश्वविद्यालय का भवन और लखनऊ का अंबेडकर स्मारक भी डिज़ाइन किया.

●सतीश गुजराल को "मूड्स" यानी "मनःस्थिति का कलाकार" कहा जाता हैं। सतीश गुजराल ने जो पेंटिंग्स बनाई उनमें उन्होंने रोजमर्रा की घटनाओं और सामान्य जनजीवन को दर्शाया। 
photo credit-https://www.saffronart.com/
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इनकी कृतियाँ नाटकीय प्रभाव दर्शाती हुई प्रतीत होती हैं। इनके कुछ प्रमुख चित्रों में- आत्मचरित्र, अंत का प्रारंभ, निराशा, आंधी के अनाथ, स्मृतियों का जाल, तूफान के तिनके, मोहनजोदड़ो संस्कृति आदि हैं।

●पुरस्कार:


●सतीश गुजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे। कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 1999 में उन्हें "पद्म विभूषण" से नवाजा गया।

●सतीश गुजराल देश के उन जाने- माने चित्रकारों में से हैं , जो मूक-बधिर होते हुए भी अपने कार्य से विमुख या निराश नही हुए। 

ऐसे महान चित्रकार मूर्तिकार को विनम्र श्रद्धांजलि।🙏
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