जन्म- 30 जुलाई 1941 पंजाब
मृत्यु- 29 दिसंबर 2008 (दिल्ली में)
मंजीत बावा का जन्म पंजाब में हुआ। उन्होंने कॉलेज ऑफ आर्ट , नई दिल्ली से कला डिप्लोमा करने के बाद लन्दन स्कूल ऑफ प्रिंटिंग में भी अध्ययन किया।
मंजीत बावा पहाड़ी बसोहली कला शैली से प्रभावित हुए। बसोहली कला की भांति उनका प्रिय विषय कृष्ण-लीला रहा।
इनका प्रसिद्ध चित्र "कृष्णा विद डांसिंग काउज" माना जाता हैं।
मंजीत बावा ने बिना अस्थिपंजर वाली आकृतियां भी चित्रित की।
अपने चित्रों में उन्होंने पाश्चात्य रंगों से हटकर परंपरागत चटक भारतीय रंगों -लाल, पिला, बैंगनी आदि प्रयोग किया।
बांसुरी और गायों के प्रति बावा का आकर्षण बचपन से ही था, जो आजीवन साथ रहा।
पुरस्कार-
भारत भवन भोपाल में रूपंकर कला निदेशक रहे।
मंजीत बावा को रूपंकर कलाओं में दिए गए योगदान के लिए कालिदास सम्मान प्रदान किया गया था।
राष्ट्रीय ललितकला अकादमी से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
राष्ट्रीय ललितकला अकादमी से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
1963 में उन्हें सैलोज पुरस्कार मिला।
इनके जीवन पर एक वृत्तचित्र (Documentary film) भी बनी। जो बुद्धदेब दासगुप्ता द्वारा बनाया गया। डॉक्युमेंट्री फ़िल्म का नाम था "मीटिंग मंजीत"। इस शार्ट फ़िल्म को "नेशनल अवार्ड फॉर बेस्ट डाक्यूमेंट्री" का पुरस्कार भी मिला।
आर्ट वर्क-
Ranjha, Bhavna I, Bhavna VI, Woman in Blue, Animal Being, Lion with Fire Ring
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