सितारा देवी
मात्र सोलह वर्ष की उम्र में इनका नृत्य देखकर रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'कत्थक क्वीन' के खिताब से सम्मानित किया था।
सितारा देवी -
जन्म- 8 नवम्बर, 1920, कोलकाता
मृत्यु 25 नवम्बर, 2014, मुम्बई, महाराष्ट्र
सितारा देवी भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना थीं। उनका नाम कथक नृत्यांगना के रूप में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे जिस मुकाम पर थीं, वहाँ तक पहुँचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया था। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि मात्र सोलह साल की उम्र में उनका नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें "कथक क्वीन" के खिताब से सम्मानित किया था। आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अतिरिक्त सितारा देवी के खाते में 'पद्मश्री' और 'कालिदास सम्मान' भी हैं, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाते हैं।
पुरस्कार-उपाधि-
पद्मश्री' (1970), 'संगीत नाटक अकादमी सम्मान' (1987), 'शिखर सम्मान' (1991), 'पद्मभूषण' (2006)
www.tgtpgtkala.com
मात्र सोलह वर्ष की उम्र में इनका नृत्य देखकर रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'कत्थक क्वीन' के खिताब से सम्मानित किया था।
सितारा देवी -
जन्म- 8 नवम्बर, 1920, कोलकाता
मृत्यु 25 नवम्बर, 2014, मुम्बई, महाराष्ट्र
सितारा देवी भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना थीं। उनका नाम कथक नृत्यांगना के रूप में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे जिस मुकाम पर थीं, वहाँ तक पहुँचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया था। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि मात्र सोलह साल की उम्र में उनका नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें "कथक क्वीन" के खिताब से सम्मानित किया था। आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अतिरिक्त सितारा देवी के खाते में 'पद्मश्री' और 'कालिदास सम्मान' भी हैं, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाते हैं।
पुरस्कार-उपाधि-
पद्मश्री' (1970), 'संगीत नाटक अकादमी सम्मान' (1987), 'शिखर सम्मान' (1991), 'पद्मभूषण' (2006)
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