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●जन्म-7अगस्त 1871, जोड़ासांको (बंगाल)
●मृत्यु- 5 दिसम्बर 1951
●इनके पिता गुनेंद्रनाथ टैगोर
और बड़े भाई गगनेंद्र नाथ टैगोर और इनके चाचा रविन्द्र नाथ टैगोर थे।
●इन्होंने कलकत्ता आर्ट स्कूल में सिनोरधी लॉरडी के निर्देशन में कला शिक्षा ली।
●ये 1898 से 1905 तक कलकत्ता आर्ट स्कूल के उपप्रधानाचार्य तथा 1905 से 1915 तक प्रधानाचार्य रहे।
●इटैलियन चित्रकार गिल हार्डी से पेस्टल चित्रण एवं तैल चित्रण सीखा।
●ब्रिटिश चित्रकार चार्ल्स पामर से पश्चिमी शैली में रेखांकन सीखा।
●इनका प्रथम चित्र "शुक्लाभिसारे" माना जाता हैं।
●इनकी प्रमुख चित्र श्रृंखलाये-
-बुध चरित
-लैला मजनू
-कवि कनकन
-उमर ख़ैयाम
-अरेबियन नाइट्स
नोट◆
-रविन्द्र नाथ टैगोर की रचना "चित्रांगदा" के लिए 32 चित्रो की श्रृंखला भी तैयार की।
-लैला मजनू चित्र श्रृंखला कपड़ो (पट) पर चित्रित हैं।
●अजन्ता कला से प्रभावित होकर बनाये गए चित्र है-
-बुध का जन्म
-बुध और सुजाता
●मुगल शैली से प्रभावित होकर बनाये गए चित्र हैं-
-ताजमहल
-नूरजहां
-शाहजहां की मृत्यु
-औरंगजेब के बुढापा
●धार्मिक पौराणिक व लोक जीवन पर आधारित चित्रो में-
-श्रीराम
-माया मृग
-अभिसारिका (most importent)
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नोट◆
लोक जीवन से सम्बंधित उनके चित्रो में सर्वश्रेष्ठ चित्र हैं " भिक्षा "
●जापानी चित्रकारों याकोहामा तायिकान तथा हिशीदा के सहयोग से जापानी वाश पद्वति के आधार पर चित्रण की नवीन वाश पद्धति का अविष्कार किया।
●वाश पद्धति से बनाये गए प्रथम दो चित्र-
-भारत माता
-सांध्यद्विप
नोट◆
"उमर ख़ैयाम" चित्र श्रृंखला व "गणेश जननी", "विरही यक्ष" आदि का चित्रण भी वाश पद्धति में हुआ।
●अन्य प्रमुख चित्र-
-पनिहारिन
-प्रेयसी
-पुजारिन
-दुर्गा
-माँ
●इनका अंतिम चित्र रविन्द्र नाथ टैगोर के " महाप्रयाण " (1941) से सम्बंधित चित्र हैं।
●ये चित्रकार होने के साथ साथ साहित्यकार, शिल्पी, रंग मंच अभिनेता व कला समीक्षक भी थे।
●इनकी प्रमुख रचना-
-शकुंतला
-भारत शिल्प
-वागेश्वरी शिल्प
-प्रबन्ध माला
-आपन कथा
-राजकहिनी इत्यादि।
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