ज्येष्ठ चित्रकार पद्मश्री वासुदेव गायतोंडे जी


Lalit Kala Akademi

भारत मे अमूर्तन कला के चित्रों के पितामह माने जाने वाले ज्येष्ठ चित्रकार पद्मश्री वासुदेव गायतोंडे जी पर लिखे गए मराठी गौरव ग्रंथ 'गायतोंडे' को ललित कला अकादमी ने हिंदी भाषा मे भी लाया हैं।ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ उत्तम पाचारने ने बताया कि छह अप्रेल 2019 को गुढीपाडवा के पावन अवसर पर मुंबई में स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (एनजीएमए) शाम चार बजे जानेमाने कवि, गीतकार, निर्देशक गुलजार के हाथों 'गायतोंडे' ग्रंथ का विमोचन किया जाएगा । 'चिन्ह' संस्था द्वारा मराठी में प्रसिद्ध किया गया यह ग्रंथ कर देश-विदेश के कला प्रेमियो तथा कला छात्रों तक पहुँचाने हेतू ललित कला अकादमी ने हिंदी में अनुवादित किया हैं . एन जी एम ए में होनेवाले इस खास विमोचन समारोह में प्रख्यात हिंदी अनुवादक प्रकाश भातंब्रेकर और प्रतिष्ठा सिंह , ललित कला अकादमी के अध्यक्ष उत्तम पाचारनेे और ' चिन्ह' के संपादक सतीश नाईक भी उपस्थित होंगे. एक मनमौजी, गूढ चित्रकार की कला की खूबियां उन्हीं के जैसे मनमौजीे कवि गुलज़ार से सुनना कलारसिकों के लिए अनोखा एवं आनंददायी अवसर होगा। इस समारोह का सूत्रसंचालन हिंदी फिल्मों की कथालेखिका मनीषा कोरडे जी करेंगी।
कला अकादमी के अध्यक्ष उत्तम पाचारणे ने बताया कि ललित कलाओं को बढ़ावा देना, उभरते कलाकारों को अवसर प्रदान कराने के साथ ही ज्येष्ठ भारतीय कलाकारों की कला का सम्मान करना भी अकादमी की जिम्मेदारी हैं। यह ग्रंथ विमोचित करना भी इसी काम का हिस्सा हैं।
चित्रकार वासुदेव गायतोंडे जी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के जानेमाने चित्रकार थे। उनकी सर्वश्रेष्ठ अमूर्तन चित्रशैली,उनका जीवन और इस कला के संदर्भ मे उनकी गहरी सोच दर्शाने वाले मराठीे ग्रंथ 'गायतोंडे' को कला जगत के रसिक और सामान्य वाचको ने काफ़ी सराहा था। इस क्षेत्र के छात्रो के लिये तो यह ग्रंथ मार्गदर्शक माना जाता हैं। इस ग्रंथ को हिंदी में संपादित कर देश भर में गायतोंडे जी कि कलादृष्टी पहुंचाने का ललित कला अकादमी का प्रयास हैं।
ललित कला अकादमी की साठवीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी फ़िलहाल मुंबई में शुरु हैं। ललित कलाओं को आम जनता तक पहुचाने का ज़रिया और कलाकारों को मंच उपलब्ध कराने हेतू यह कला प्रदर्शनी हर साल आयोजित की जाती हैं। इस प्रदर्शनी में देशभर के कलाकारों की कलाकृतियां लगाई गई हैं। इस साल राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाज़े गए पन्द्रह कलाकारों की चित्र और शिल्पकृतियां भी यहां है।यह प्रदर्शनी 16 अप्रेल तक शुरू रहेगी।

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