विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को दो साल के लिए खत्म कर दिया गया हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-19 के मद्देनजर यह फैसला लिया हैं।
फिलहाल यह अनिवार्यता दो साल (1 जुलाई 2021 से 1 जुलाई 2023) तक के लिए ही खत्म की गई हैं।
University Grants Commission (UGC), in view of the COVID-19 has decided to extend the date of applicability of Ph.D. as a mandatory qualification for direct recruitment of Assistant Professors in Departments of Universities from 1st July 2021 to 1st July 2023
— ANI (@ANI) October 12, 2021
शिक्षामंत्री ने कहा कि कोविड 19 की वजह से अधिकांश स्टूडेंट्स पीएचडी पूरी नही कर पाए, छात्रों की इसी समस्या को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला लिया गया हैं। यह फैसला इसलिये भी लिए गया हैं कि विश्वविद्यालय में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरा जा सके।
आपको बता दे की यूजीसी ने 2018 में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री को अनिवार्य कर दिया था।
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