उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का 4 अप्रैल 2021 को निधन हो गया ।
खेमका लगभग 40 वर्षों तक सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका "कल्याण" के संपादक भी थे ।
इनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया।
गीता प्रेस के अध्यक्ष और सनातन साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने वाले राधेश्याम खेमका जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। खेमका जी जीवनपर्यंत विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2021
गीता प्रेस विश्व की सर्वाधिक हिन्दू धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित करने वाली संस्था हैं।
गीता प्रेस के बारें में:
यह संस्था गोरखपुर ( उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं।
गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा हिंदी मासिक पत्रिका "कल्याण" और अंग्रेजी में " कल्याण कल्पतरु" का प्रकाशन किया जाता हैं।
गीता प्रेस एक विशुद्ध धार्मिक संस्था हैं। इसकी स्थापना सन 1923 में हुई थी।
गीता प्रेस को भारत मे घर घर मे भगवद्गीता और रामचरितमानस को पहुंचाने का श्रेय दिया जाता हैं।
गीता प्रेस की पत्रिका कल्याण की हर माह करीब ढाई लाख प्रतियां बिकती हैं।
यह पत्रिका सस्ती होने की वजह से देश से लेकर विदेशों तक इन धर्मिक किताबो की भारी मांग हैं।
गीता प्रेस का उद्देश्य मुनाफा कमाना नही हैं। और नही इन पत्रिकाओं में किसी प्रकार के विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। इन पुस्तकों की कीमत भी एक रुपये से शुरू होती हैं। जैसे - हनुमान चालीसा, शिव चालीसा, ,दुर्गा चालीसा ।
गीता प्रेस प्रतिदिन 50 हजार से अधिक पुस्तकें छापता हैं।
आज गीता प्रेस कुल 15 भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करती हैं।
गीता प्रेस का संचालन कोलकाता स्थित ' गोविंद भवन' करता हैं।
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