भारत के अग्रणी अमूर्त चित्रकारों में से एक रामकुमार की कला: Artist Ram kumar

 


रामकुमार के बारे में-

23 सितंबर 1924 में शिमला में जन्मे शिल्पी चक्र के सदस्य रामकुमार के अमूर्त चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए। इनके अमूर्त चित्र घनवादी शैली से प्रभावित हैं। ऐसे चित्रों में-भूमि, आसमान, भवन आदि चित्र प्रमुख हैं। 

●इन्होंने शारदा उकील स्कूल ऑफ आर्ट नई दिल्ली से शिक्षा ग्रहण की।

●रामकुमार दृश्य चित्रण में माहिर थे। इनके द्वारा तैयार "बनारस के घाट" नामक दृश्य चित्रों की श्रृंखला सर्वाधिक चर्चित हुई।

●इन्होंने बनारस के दृश्य चित्रों का रेखांकन जापानी काली स्याही तथा मोम का प्रयोग करते हुए किया। 

●ये चित्रकार होने के साथ-साथ कहानीकार भी थे। इनके 5 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।

●रामकुमार मशहूर लेखक निर्मल वर्मा के बड़े भाई थे। 

●भारतीय चित्रकला में इन्हें "फिगर आर्ट से एब्स्ट्रैक्ट" की ओर ले जाने वाला पहला कलाकार माना जाता है।

●इनकी एक पेंटिंग "द बेगा बांड" न्यूयार्क के क्रिस्टी आर्ट गैलरी में 8,08,84,320.00 ₹ (1.1 मिलियन डॉलर) में बिकी थी।

अवार्ड:

●भारत सरकार की तरफ से इन्हें पद्मश्री (1972), मिला।

●उत्तर प्रदेश सरकार का प्रेमचंद पुरस्कार (1972) 

●मध्य प्रदेश सरकार का कालिदास सम्मान (1986)

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड , दिल्ली सरकार (2010)

पद्मभूषण (2010) पुरस्कार 

●ललित कला अकादमी की फेलोशिप भी मिली थी (2011)

14 अप्रैल 2018 को दिल्ली में 93 वर्ष की आयु में इनका निधन हो गया।

प्रमुख चित्र:

बनारस श्रृंखला, परिवार, दो बहनें, स्वप्न, श्रंद्धाजलि, नगर दृश्य, उड़ान, बसंत, धूप छाव के बीच, अलविदा इत्यादि।

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