टीजीटी पीजीटी कला की योग्यता को लेकर फाइन आर्ट के छात्रों में निराशा: UP TGT PGT Recruitment 2020

 



उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा 4 साल के लंबे इंतेजार के बाद टीजीटी पीजीटी 2020 की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया हैं। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी कला के कुल 710 पदों  (बालक वर्ग) के लिए भर्ती निकली हैं , और वही बालिका वर्ग में कुल 103 पद हैं। 

पीजीटी कला के लिए कुल 49 पदों (बालक वर्ग) की भर्ती निकली हैं, तो बालिका वर्ग में 27 पदों के लिए भर्ती निकली हैं।

टीजीटी पीजीटी कला योग्यता को लेकर विरोध:

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा कला पद के लिए जो योग्यता रखी गयी हैं। उससे फाइन आर्ट्स के छात्रों में जबरदस्त गुस्सा और निराशा है। टीजीटी पीजीटी कला पद के लिये इंटरमीडिएट बेस्ड प्रावधिक कला यानी टेक्निकल आर्ट को अनिवार्य कर दिया गया हैं।  जिससे बहुत सारे ऐसे फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स हैं जिनके पास प्रोवधिक कला का सर्टिफिकेट नही हैं।  और इन स्टूडेंट्स के पास कला की सबसे बड़ी डिग्री होने के बाद भी सिर्फ इंटरमीडिएट बेस्ड प्रावधिक कला न होने की वजह से इस भर्ती में एप्लाई नही कर पाएंगे।

बीएफए( बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) , एमएफए (मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स), एम. ए (पेंटिग) डिग्री धारक वाले स्टूडेंट जिनके पास इंटरमीडिएट बेस्ड प्रावधिक कला नही हैं वो सीधे सीधे इस भर्ती से बाहर हो गए हैं।  

छात्रों का कहना हैं टीजीटी कला पद के लिए सिर्फ इंटरमीडिएट बेस्ड प्रावधिक कला कर लेने से वह टीजीटी कला के पदों के लिए योग्य हो जाता हैं। चाहे वह किसी भी विषय से स्नातक किया हो। और इस भर्ती में इस बार पीजीटी कला के लिए भी प्रावधिक कला को अनिवार्य कर दिया गया। 

फाइन आर्ट्स के छात्रों का विरोध प्रदर्शन:

फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स सोशल पेज के माध्यम से अपना विरोध जता रहे हैं। और योग्यता बदलने की मांग कर रहे हैं। इन्होंने अपने फेसबुक पेज और प्रोफाइल पे योग्यता सम्बन्धी जो बातें लिखी हैं हम यहां साझा कर रहे हैं।

आज दिनांक आज 30 अक्टूबर 2020 को अस्सी घाट पर दृश्य कला संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय व ललित कला विभाग , महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट के छात्र कलाकार एकत्रित होकर अपने साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई व एकजुटता दिखाई । अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा टीजीटी और पीजीटी की भर्तियां निकाली गई है । इसमें फाइन आर्ट्स के छात्रों को पूरी तरीके से दरकिनार कर दिया गया है । इनके स्थान पर उन सभी अभ्यर्थियों को योग्य ठहराया जा रहा है जिनके पास में कला की उचित डिग्री नहीं है जिनमें से बॉम्बे आर्ट्स इंटरमीडिएट में प्राविधिक कला आदि । यहां तक कि पाकिस्तान स्थित लाहौर मेयो कॉलेज ऑफ आर्ट्स के सर्टिफिकेट कोर्स को भी वरीयता दी जा रही है परंतु दृश्य कला के क्षेत्र में देश दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित डिग्री बी एफ . ए.एवम एम एफ . ए . को नकारा जा रहा है जो अत्यंत दुखद है । जिन अभ्यर्थियों को कला शिक्षक पद के लिए योग ठहराया जा रहा है वह कभी भी छात्रों को कला की उचित शिक्षा नहीं दे पाते क्योंकि स्वयं अप्रशिक्षित होते हैं । उत्तर प्रदेश सरकार पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है कि जब अन्य प्रदेश व केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं जवाहर नवोदय विद्यालय समिति ने भी फाइन आर्ट्स को मान्यता दी है फिर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ऐसा भेदभाव क्यों कर रहा है ? सभी कला छात्रों की उत्तर प्रदेश सरकार व आयोग से अपेक्षा व मांग है कि अन्य प्रदेशों व केंद्रीय विद्यालयों के तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी फाइन आर्ट्स डिग्री धारक अभ्यर्थियों वरीयता दी जाए जिससे अच्छे व प्रशिक्षित कला अध्यापकों की नियुक्ति हो सके एवं कला छात्रों के साथ हो रहे अन्याय व उनकी प्रतिभा के हनन को रोका जाए । इस दौरान ओम प्रकाश प्रदीप विश्वकर्मा , सोनू कुमार दीपक विश्वकर्मा , सुशील पटेल साधना कुमारी , अखिलेश , विष्णु वर्मा मिठाई लाल के साथ - साथ भारी मात्रा में शोध छात्र व बीएफए एमएफए के छात्र - छात्राएं मौजूद रहे ।

आपको बता दे की फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स द्वारा एक हैशटैग Justice_for_finearts भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा हैं। और इस सम्बंध में एक RTI भी डाला जा रहा हैं। और फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स से अनुरोध किया जा रहा हैं कि वह भी RTI जरूर डाले और चयन बोर्ड और माध्यमिक परिषद से डाक द्वारा जवाब मांगे। 

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आज 31 अक्टूबर के समाचार पत्र में कला योग्यता का मुद्दा उठाया गया 

टीजीटी पीजीटी 2020 की भर्ती और योग्यता देखने के लिए इस लिंक पे जाए 👇

यूपी टीजीटी पीजीटी भर्ती 2020




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